मातरः सर्वभूतानां गावः सर्वसुखप्रदाः || जय गौ माता ||
Created by : Atma Jyoti
Menu Option | Offer | Price | Action |
---|---|---|---|
One Gau Mata One Month Medicine Seva | ₹500 | Donate | |
One Gau Mata One Month Feed | ₹500 | Donate | |
All Gau Mata One Day Medicine | ₹2100 | Donate | |
All Gau Mata One Time Feed | ₹3100 | Donate | |
All Gau Mata One Day Feed | ₹5100 | Donate | |
Green Feed One truck | ₹7100 | Donate | |
Lifetime Gau feed (One time Payment) | ₹11000 | Donate | |
Dry Feed One Truck | ₹31000 | Donate | |
One month Gau Mata Medicine Seva | ₹51000 | Donate | |
One month Healthy Feed Seva | ₹51000 | Donate | |
test | ₹1 | Donate |
सनातन परंपरा में गोमाता का क्या है महत्व.
सनातन परंपरा में पूजनीय मानी जाने वाली गाय
जिसे हम मां कहकर बुलाते हैं, उसकी पूजा का बहुत महत्व है. मान्यता है कि एक गाय में कई देवी-देवता निवास
करते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों में गाय की महिमा का बहुत बखान है. गाय से जुड़ी सभी
चीजें जैसे दूध, दही मक्कखन, घी, गोबर, गोमूत्र आदि सभी चीजों का प्रयोग किया जाता है. गोमाता का सिर्फ धार्मिक ही
नहीं बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी है. आइए गाय की पूजा का महत्व एवं उसकी सेवा से
जुड़े कुछ सरल उपाय जानते हैं.
1. हिंदू धर्म में गाय की पूजा सनातान काल से चली
आ रही है. भविष्य पुराण के अनुसार गाय में तीनों लोक के तीन कोटि देवी-देवता निवास
करते हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापरयुग में अपना बहुत समय गाय के साथ बिताया और
लोगों को गाय की पूजा और सेवा के लिए प्रेरित किया.
2. सनातन परंपरा में तमाम तरह के दान को महादान
बताया गया है. इसमें गोदान का बहुत ज्यादा महत्व है. गरुण पुराण के अनुसार वैतरणी
को पार करने के लिए गोदान का महत्व बताया गया है.
3. पृथ्वी पर गाय ही एकमात्र जानवर है, जिसे माता कहकर बुलाया जाता है. जानवरों में
सबसे पवित्र मानी जाने वाली गाय को कामधेनू के समान सभी मनोकामनाओं को पूरा करने
वाला बताया गया है.
4. हिंदू धर्म में गाय के गोबर को बहुत ज्यादा
पवित्र माना गया है. यही कारण है कि किसी भी पूजन कार्य में जमीन को लीप कर शुद्ध
करने के लिए गाय के गोबर का प्रयोग किया जाता है. वहीं गोमूत्र का प्रयोग पंचामृत
बनाने के लिए किया जाता है. साथ ही साथ गोमूत्र का प्रयोग आयुर्वेद में औषधि बनाने
के लिए किया जाता है.
5. गाय का सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि ज्योतिष
महत्व भी है. ज्योतिष के अनुसार 09 ग्रहों की शांति के लिए गाय की पूजा विशेष रूप से लाभदायी है. यदि आपकी कुंडली
में मंगल अशुभ है तो लाल रंग की गाय की सेवा से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसी
प्रकार बुध की शुभता पाने के लिए गाय को हरा चारा डालने से लाभ मिलता है. शनि
संबंधी दोष को दूर करने के लिए काले रंग की गाय की सेवा और दान अत्यंत फलदायी होता
है.
6. मान्यता है कि जिस घर में गाय रहती है, उस घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
7.यदि लंबा समय बीत जाने के बाद भी आपको संतान सुख नहीं प्राप्त हो पाया हो तो
वास्तु के अनुसार बेडरूम में बछड़े को दूध पिलाती गाय की मूर्ति या चित्र को रखने
से शुभ फल की प्राप्ति होती है और संतान सुख शीघ्र ही प्राप्त होता है.
गाय से जुड़े
कुछ उपाय
· 1.जिस प्रकार से प्रतिदिन स्नान करने के बाद भगवान के दर्शन और पूजा पाठ का
महत्व होता है उसी प्रकार से स्नान करने के बाद गाय की पूजा अवश्य करनी चाहिए। गाय
की रोज पूजा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
· 2.घर में प्रतिदिन खाना बनाने के बाद पहली रोटी
के गाय के लिए निकालें और रोटी खिलाकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
· 3.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग रोज गाय
माता की सेवा करते हैं उन पर मां लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और धन-दौलत की वर्षा
करती हैं।
· 4.गाय के रोजा हरा चारा खिलाने से घर में
सुख-समृद्धि आती है। बुधवार के दिन विशेष रूप से हरा चारा खिलाने से सभी तरह के
संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
· 5. गाय के गले और पीठ को सहलाने से व्यक्ति को
रोगों से मुक्ति मिलती है और सेहत अच्छी रहती है।
· 6.ज्योतिष और धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि
विवाह जैसे मंगल कार्यों के लिए गोधूलि बेला सर्वोत्तम मुहूर्त होता है, संध्या काल में जब गाय जंगल से घास आदि खाकर
आती है तब गाय के खुरों से उड़ने वाली धूल समस्त पापों का नाश करती है।
· 7. नवग्रहों की शांति के लिए भी गाय कि विशेष
भूमिका होती है। मंगल के अरिष्ट होने पर लाल रंग की गाय की सेवा और गरीब ब्राह्मण
को गोदान ख़राब मंगल के प्रभाव को क्षीण कर देता है। इसी तरह शनि की दशा, अन्तर्दशा और साढ़ेसाती के समय काली गाय का दान
मनुष्यों को कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
· 8. बुध ग्रह की अशुभता के निवारण हेतु गायों को
हरा चारा खिलाने से राहत मिलती है।
· 9. पितृदोष होने पर गाय को प्रतिदिन या अमावस्या
को रोटी, गुड़, चारा आदि खिलाना चाहिए। गाय की सेवा पूजा से लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर भक्तों
को मानसिक शांति और सुखमय जीवन होने का वरदान देती है।
गाय का
धार्मिक महत्व
प्राचीन काल
से ही भारत में गोधन को मुख्य धन मानते आए हैं और हर प्रकार से गौरक्षा, गौसेवा एवं गौपालन पर ज़ोर दिया जाता रहा है।
हमारे हिन्दू शास्त्रों, वेदों में गौरक्षा, गौ महिमा, गौ पालन आदि के प्रसंग भी अधिकाधिक मिलते हैं। रामायण, महाभारत, भगवद्गीता में भी गाय का किसी न किसी रूप में उल्लेख मिलता है। गाय, भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है। गौ पृथ्वी का
प्रतीक है। गौमाता में सभी देवी-देवता विद्यमान रहते हैं। सभी वेद भी गौमाता में
प्रतिष्ठित हैं।
भगवान श्रीकृष्ण को गाय अतिप्रिय है। द्वापर
युग में ग्वालों के साथ भगवान श्रीकृष्ण वन जाते थे। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी
गाय एक धन है। गाय से दुग्ध उत्पादन होता है। इसके लिए दुनियाभर के कई देशों में गाय पालन
किया जाता है। वहीं, भारत में गौ सेवा, गौ पालन और गौ रक्षा पर विशेष बल दिया जाता है।
शास्त्रों में गौ दान का उल्लेख भी निहित है।
ज्योतिषों की मानें तो नवग्रहों की शांति के
लिए गौ दान जरूरी है। अतः नवग्रहों की शांति के लिए गौ दान जरूर करें।
मंगल के प्रभावी होने से व्यक्ति पर नकारात्मक
प्रभाव पड़ता है। इससे व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। ऐसी परिस्थिति में
मंगल के प्रभाव को क्षीण या कम करने के लिए गौ दान करना चाहिए। इसके लिए लाल रंग
की गाय का दान अवश्य करें।
ज्योतिषों की मानें तो शनि की ढैया और साढ़े
साती लगने पर काले रंग की गाय का दान करना शुभ होता है। अतः शनि के कुप्रभाव से
बचने के लिए गौ दान अवश्य करें।
सनातन धर्म में श्राद्ध कर्म के दौरान गौ दान करने की प्रथा है। इससे मृतक
व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही वैतरणी नदी पार करने में सहायता
मिलती है। किदवंती है कि मृत्यु उपरांत व्यक्ति को वैतरणी नदी पार करना होता है।
इस दौरान गौ दान करने वाले को वैतरणी नदी में गाय मदद कर व्यक्ति को नदी पार कराती
है। वहीं, जिस व्यक्ति ने गौ दान नहीं किया होता है। उसे
वैतरणी नदी पार करने में कठिन पीड़ा होती है। इसके अलावा, गौ दान के कई अन्य फायदे भी हैं। आइए, गौ दान के बारे में विस्तार से जानते हैं-
गौ दान का महत्व
· गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया
है।
· गौ माता की पूजा से पापों का हरण और कष्टों का
निवारण हो जाता है।
· गौ माता श्री कृष्ण को भी अति प्रिय मानी जाती है।
· इसी कारण गौ सेवा या गौ दान से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होती है और श्री कृष्ण का आशीर्वाद भी मिलता है।
· गौ माता को धन माना जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि गौ माता में लक्ष्मी मां का भी
वास होता है और लक्ष्मी मां धन की देवी हैं।
· ऐसे में गौ माता अमूल्य धन के बराबर हैं। इनका दान पंच महा दानों से भी सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गौ दान से मृत्यु के बाद का मार्ग सरल हो जाता है।
गौ माता के विषय मे जानकारी
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गाय और बैल की अधिक से अधिक आयु प्राय: 25 वर्ष होती है। जलवायु, लालन- पालन तथा परिश्रम आदि के कारण इसमें कमी-वेशी भी हो सकती है। आमतौर पर इसकी औसत आयु 12 वर्ष के लगभग होती है। एक बछिया 3 वर्ष की उम्र के आसपास बिया जाती है। कोई-कोई गाएं 12-14 महीने बाद दोबारा बिया जाती हैं। कम से कम गाय को 18-20 महीने बाद दोबारा जरूर बिया जाना चाहिए।
10-12 वर्ष की उम्र तक गाय 5-7 अच्छे बछड़े-बछिया दे देती है। कोई-कोई गाय 10-12 बच्चे भी देती हैं, परंतु प्राय: 15-16 वर्ष की उम्र के बाद वह बच्चे देना बंद कर देती है। दांत और सींगों के द्वारा इनकी उम्र पहचानी जाती है। गाय के बच्चे के दूध के 2 दांत होते हैं। 15 से 21 दिन तक के बच्चे के दूध के 4 दांत होते हैं जबकि एक महीने के बच्चे के दूध के 8 दांत होते हैं। तीन-चार महीने के बाद ये दांत पुष्ट होने लगते हैं और 15 से 18 महीने की उम्र तक सब पुष्ट हो जाते हैं। फिर उम्र पाकर ये उखड़ जाते हैं और इनके स्थान पर असली पक्के दांत निकल आते हैं। दो-अढ़ाई वर्ष की उम्र में 2 पक्के दांत आ जाते हैं। तीन-साढ़े तीन वर्ष की उम्र में 4 पक्के दांत हो जाते हैं। (इस समय पशु पूर्ण युवा हो जाता है।) पांच-छ: वर्ष की उम्र में 8 पक्के दांत आ जाते हैं।
इस प्रकार मुंह में काफी समय तक रहने वाले आठों दांत पूरे हो जाते हैं। यदि इनमें से कोई दांत टूट जाएगा तो वह दोबारा नहीं निकलेगा, इसी से ये स्थायी या पक्के कहलाते हैं। गाय-बैलों के निचले जबड़े में दांत होते हैं और ऊपर के जबड़े में खाली कड़ी हड्डी होती है। वे नीचे के दांतों से चारा कुतर-कुतर कर पहले जल्दी-जल्दी अपना पेट भर लेते हैं।
जय गौ माता
जय सनातन
You can also pay via Paytm/UPI QR code
Scan the QR code from the app and make payment
For payment
For other Apps
Claim your donation acknoledgment now! for payment done via Paytm and UPI